आपने यह सुना ही होगा कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती… हम वही कोशिश क्यों नहीं करते हैं, उसके बारे में आज बात करने जा रहे हैं

सफलता का दुश्मन है विफलता का डर… असफल होना, इतना खतरनाक नहीं है, जितना यह विफलता का डर है – जो हमें कुछ भी नहीं करने देता है।

जिस तरह हम ने सबसे पहले साइकिल चलाना सीखा था, हमने वहां पर भी डर को महसूस किया था. लेकिन उस डर से हम कहीं गुना आगे निकल गए और आज हम गाड़ियां भी चला लेते हैं…

कुछ उसी तरह इस डर को भी अपने जीवन से बाहर निकाल देना है और जितनी बार हो सके कोशिश करते रहना है… थॉमस एडिसन ने भी कम से कम 10000 बार प्रयत्न किए, फिर उन्हें बैटरी का आविष्कार करने का मौका मिला.

क्या इस डर को बाहर निकालने में आपको हमारी कोई मदद चाहिए?

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